नमस्कार ,
आजकी पोस्टमे आप कक्षा :- ६ , हिन्दी में कविता -५ जय जवान की के बारेमे जानेंगे | इस पोस्ट के आखिर में टेस्ट दी गई है|
जय जवान की, जय किसान की-
जय हो, जय विज्ञान की !
सुविधाओं का शुरू सिलसिला
विलासिता की खुशबू है,
नये-नये उपकरण बनाए-
बचत समय की और शक्ति की अब विकास का जादू है,
नूतन अनुसंधान की !
जय जवान.....
मोबाइल पर बातें करिए
पेजर, फैक्स, मुस्कुराते,
पल में जयपुर, पल में मथुरा
मानव आज पहुँच जाते, विजयश्री मिलती जिस पथ चल-
डगर वही आसान की !
जय जवान...
कम्प्यूटर की क्रान्ति आ गई
इंटरनेट की परछाई,
अधर - अधर पर खुशियाली की
गंगा-यमुना लहराई,
बच्चे नई सदी के बोलें-
दूनी अपनी शान की !
जय जवान...
चलें समय के साथ तभी तो
दुनिया में यश पाएँगे,
इस वसुधा पर स्वर्ण-सवेरा
फिर करनी शुरुआत सभी को-
निज प्रयास से लाएँगे,
मानवता के गान की !
जय जवान...
शब्दार्थ
सिलसिला - क्रम
विलासिता - सुख भोग
उपकरण - साधन
अनुसंधान - खोज
अधर - होठ
खुशियाली - आनंद, खुशी
दूनी - दोगुनी
शान - शोभा, प्रतिष्ठा
यशगान - प्रशंसा का गान
वसुधा - पृथ्वी
निज - अपना
मुहावरे
स्वर्ण सवेरा लाना - सुख सुविधा निर्माण करना
गंगा-यमुना लहराना - बहुत आनंदित होना, खुशहाल होना
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